रायपुर

80 प्रतिशत से कम बरसा पानी 23 जिलों की 72 तहसीलों में, सूखा घोषित करने की तैयारी

छत्तीसगढ़ में खेतों की दशा कुछ ऐसे हो गयी है

छत्तीसगढ़ को सूखे की ओर ढकेल दिया है। प्रदेश की 177 में से 72 तहसीलों में 80 प्रतिशत से कम बरसात हुई है। मतलब सरकारी परिभाषा के मान से भी वे तहसीलें सूखे की चपेट में है। सरकार ऐसे हिस्सों को सूखा घोषित करने की तैयारी में। इस बीच राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी कलेक्टरों को आकस्मिक योजना पर काम करने को कहा है।राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने कलेक्टरों को लिखा है, दैनिक वर्षा की समीक्षा के दौरान पाया गया है कि 23 जिलों की 72 तहसीलों में 80 प्रतिशत से कम बरसात हुई है। सूखा प्रबंधन मैन्युअल के मुताबिक 80 प्रतिशत से कम बारिश होने पर सूखे की स्थिति बनती है। ऐसे में 80 प्रतिशत से कम बरसात वाली तहसीलों में सूखे की संभावना के आधार पर आकस्मिक योजना तैयार करने का काम शुरू कर दें।राजस्व विभाग ने दैनिक वर्षा के आंकड़ों के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक 20 जिलों की 52 तहसीलों में 51 से 75 प्रतिशत तक ही बरसात हुई है। 24 जिलों की 69 तहसीलें ऐसी हैं जहां, 76 से 99 प्रतिशत बरसात दर्ज हुई है। वहीं, 17 जिलों की 46 तहसीलों में 100 प्रतिशत पानी बरसा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हो रही राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में भी सूखे की हालात की समीक्षा होगी। संभावना जताई जा रही है कि सरकार सूखा राहत को लेकर बड़ा फैसला करेगी।खरीफ फसलों को बचाने का उपाय: इसके लिए कलेक्टरों को पहले ही कहा जा चुका है। 31 अगस्त को भेजे गए पत्र में विभाग ने सात दिनों के भीतर खरीफ फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी थी। अभी तक जिलों से यह रिपोर्ट राजस्व विभाग को नहीं मिली है। कहा गया है कि जल उपयोगिता समिति की बैठक कर सिंचाई जलाशयों में पानी की उपलब्धता की समीक्षा कर लें। खेतों को पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। नदी-नालों के पानी को पंपों के जरिए खेतों तक ले जाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। कृषि विभाग की योजनाओं के जरिए लोगों को बिजली, सोलर पॉवर अथवा डीजल से चलने वाले पम्प उपलब्ध कराए जाएं।नियमित बिजली की आपूर्ति को प्राथमिकता: कलेक्टरों से कहा गया है, सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की नियमित आपूर्ति की व्यवस्था करें। ट्रांसफॉर्मर पर पर्याप्त स्टॉक रखें ताकि खराब होने की स्थिति में तुरंत बदला जा सके। सिंचाई पम्पों के लिए बिजली कनेक्शन के जो आवेदन आए हैं उन्हें स्थायी-अस्थायी कनेक्शन की सुविधा प्रदान करने को भी कहा गया है। कोशिश यह है कि जहां कहीं भी पानी की व्यवस्था कर फसलों को बचाया जा सकता है, वह कोशिश की जाए।बीज-खाद और मवेशियों के लिए चारा: सरकार ने खरीफ फसलों के नुकसान के बाद वैकल्पिक फसलों पर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा है। ऐसी फसलों के बीज और जरूरत के खाद की व्यवस्था करने को कहा गया है जो कम पानी में भी उत्पादन दे सकती हों। सूखे में मवेशियों को चारा उपलब्ध कराने की भी योजना तैयार रखने को कहा गया है। इसके लिए कृषि विभाग और वन विभाग से समन्वय कर चारे की कटाई-ढुलाई और वितरण का इंतजाम करना होगा।रोजगार की भी चुनौती: सूखे की वजह से फसल खराब होती है तो गांवों में रोजगार बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। प्रशासन को इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है। लोगों को रोजगार देने के लिए मनरेगा के तहत काम खोलने का निर्देश है।

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Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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