रायपुर न्यूज़ धमाका /// वैक्सीन और मास्क के खिलाफ आंदोलन का मामला सामने आया है. लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर भीड़ जुटाकर नारेबाजी. मास्क और टीका नहीं लगाने की हिदायतें दी गई. ऐन मौके पर विरोध का उल्टा विरोध होते देख आंदोलनकारी फरार हो गए.
कहाँ से आते हैं ऐसे लोग. ये किस गोले से हैं. ऐसा आंदोलन किसे के पल्ले नहीं पड़ रहा है. एक तरफ पूरा शासन-प्रशासन मास्क लगाने की मुहिम चला रही है. टीका के लिए लाखों खर्च कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ये बातें इन आंदोलनकारियों को समझ नहीं आ रहा है. इन आंदोलनकारियों का मानना है कि असली कोरोना टीवी और मीडिया है.
इन आंदोलनकारियों के हाथों में तख्तियां भी थीं. इनमें लिखा था मास्क स्वैच्छिक है. नो मास्क, नो वैक्सीन, टीका नहीं लगवाएंगे, हमारा शरीर हमारा है सरकार का नहीं. TV मीडिया ही कोरोना है. कोरोना सिर्फ सामान्य सर्दी खांसी है.
एक तरफ जहां दुनिया भर की सरकारें कोरोना से निपटने की कोशिश में हैं, वहां पूरी दुनिया से उलट संदेश देते हुए ये लोग नारेबाजी करते रहे कि न मास्क पहनेंगे न टीका लगवाएंगे. जिस कोरोना की वजह से छत्तीसगढ़ में 13 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई उसकी राजधानी में ही जमा होकर इन लोगों ने कह दिया कोरोना तो सिर्फ मीडिया का फैलाया भ्रम है.
धरना स्थल के पास ही चाय का स्टॉल लगाने वाले मो. कासिम नाम के युवक की शिकायत पर पुलिस ने अब इन प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज किया है. आईपीसी की धारा 149 यानी भीड़ का एक राय होकर किसी अपराध को अंजाम देना, महामारी नियमों का उल्लंघन और जानबूझकर बीमारी फैलाना लोगों के लिए खतरा खड़ा करने की धारा 269 और 270 के तहत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन पांचों के नाम डॉ सुशन राज, दीपक सरवान, नरेंद्र गुप्ता, दुष्यंत कुमार और रानू ब्रम्ने हैं. इन पांचों ने गुपचुप तरीके से रविवार की शाम कोरोना को एक साजिश बताकर रायपुर के धरना स्थल में धरना दिया था.