कोरबा,न्यूज़ धमाका :-साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) भले ही कोयला उत्पादन के लक्ष्य से अभी दूर है, पर मानिकपुर खुली खदान ने दस दिन पहले लक्ष्य हासिल कर लिया है। इसके साथ ही अब खदान में कोयला उत्पादन बंद कर दिया गया है। केवल मिट्टी उत्खनन (ओबी) कार्य किया जा रहा। आउटसोर्सिंग में लगे कर्मियों को अन्य खदान में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बार भी खदान का लक्ष्य नहीं बढ़ाया गया है। जमीन की संकट की वजह से लगातार पांचवे वर्ष भी 49 लाख टन कोयला का उत्पादन नए वित्तीय वर्ष में किया जाएगा।
एसईसीएल की तीनों मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका व कुसमुंडा इस बार उत्पादन के क्षेत्र में पिछड़ गई है। हर रोज उत्पादन बढ़ाने प्रबंधन जद्दोजहद कर रही। समय कम होने की वजह से कंपनी भले ही लक्ष्य हासिल न कर सके, पर मेगा प्रोजेक्ट की कोशिश है कि ज्यादा कोयला उत्खनन किया जाए।
इधर एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की मानिकपुर परियोजना ने लगातार आठवें वर्ष अपने लक्ष्य को समय से पहले पूरा कर लिया। वर्ष 2017-18 तक खदान का कोयला उत्पादन 35 लाख टन था, उसके बाद 49 लाख टन की अनुमति मिलने के बाद चार वर्षो से उत्पादन किया जा रहा है। वहीं 50 लाख टन कोयला लदान (डिस्पैच) व 149 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी निकासी (ओबी) भी पूरा कर लिया गया है।
एसईसीएल के निदेशक परियोजना- योजना एसके पाल इस मौके पर खदान में उपस्थित रहे और उन्होंने कर्मियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आगामी वर्ष भी मानिकपुर अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहेगी, यह यहां की कार्यसंस्कृति का प्रतिफल है।
एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक विश्वनाथ सिंह कहा कि श्रमिकों की सुरक्षा को प्रथम प्राथमिकता के साथ ही कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना गर्व की बात है। मानिकपुर के महाप्रबंधक दीपक पंडया ने कहा कि खदान में कार्यरत कर्मचारी- अधिकारियों की मेहनत व लगन का परिणाम है। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों के साथ ठेका श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका को नजरअंदाज नही किया जा सकता है।