रायपुर,न्यूज़ धमाका :- नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अंदरुनी गांवों में जहां इंटरनेट मिलना मुश्किल काम है, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बेहतरीन काम किया है। टीम ने गांव में पहले इंटरनेट का इंतजाम किया, फिर सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बना दिया। गांव में इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए एक्सपर्ट की टीम गई थी। सुकमा के अंदरूनी इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। इसके कारण लोगों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए भटकना पड़ता था।
बस्तर में कम बना है आयुष्मान कार्ड बना
आयुष्मान योजना के स्टेट नोडल अधिकारी श्रीकांत राजिमवाले ने बताया कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में गांव-गांव पहुंचकर कैंप लगाया जा रहा है। यहां इंटरनेट के लिए डोंगल और अन्य माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। हाटा बाजार में जहां इंटरनेट का नेटवर्क मिलता है, वहां कार्ड बनाया जा रहा है। प्रदेश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों का आयुष्मान कार्ड बन गया है, लेकिन बस्तर में कार्ड बनाने का अनुपात काफी कम है। इसे पूरा करने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है। कोविड संक्रमण के कारण बड़े कैंप नहीं लग रहे हैं, इसलिए गांव-गांव स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच रही है। आदिवासी क्षेत्रों में इसी तकनीक से कार्ड बनाया जा रहा है।