
जगदलपुर न्यूज़ धमाका // छत्तीसगढ़ के बस्तर में 73 समाज के लोग राजधानी रायपुर को जगदलपुर से रेल मार्ग के माध्यम से जोड़ने के लिए रेल पदयात्रा पर निकले हुए हैं। अंतागढ़ से निकली इस पदयात्रा का आज 8वां दिन है। 8वें दिन यह पदयात्रा बस्तर जिले में प्रवेश कर चुकी है। रेल आंदोलन का नेतृत्व कर रहे बस्तर चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि पदयात्रा, इस आंदोलन का पहला चरण है। यदि मांग पूरी नहीं होती है तो दूसरे चरण में रेल रोकी जाएगी।
12 अप्रैल को यह पदयात्रा 173 किमी का सफर तय कर जगदलपुर पहुंचेगी। जिसके बाद रेलवे के अधिकारियों और सरकार को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। ज्ञापन सौंपने के बाद मांग पूरी करने के लिए सरकार और रेलवे को 2 महीने का समय दिया जाएगा। यदि मांगे पूरी नहीं की जाती है और जगदलपुर को रायपुर से जोड़ने कोई कवायद नहीं होती है तो फिर बस्तर के लोग रेल रोकेंगे। यदि अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली भी जाना पड़े तो जाएंगे।

रेल आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं ने जगदलपुर में प्रेसवार्ता ली।
उन्होंने कहा कि, रावघाट से जगदलपुर तक रेल परियोजना का काम कई सालों से अटका पड़ा है। रायपुर से अंतागढ़ तक रेल लाइन बिछाने का काम पहले चरण में पूरा हो गया है। वहीं अंतागढ़ से जगदलपुर तक का काम अब भी अटका हुआ है। रेल लाइन विस्तार की मांग कई सालों से बस्तर के लोग करते आ रहे हैं। पदयात्रा जिस शहर या फिर गांवों से गुजर रही है वहां के लोगों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है।

पदयात्रा में शामिल लोगों का तिलक लगाकर किया जा रहा स्वागत।
अब तक इन गांवों में गुजारी रात
अंतागढ़ से जगदलपुर तक करीब 173 किमी की यह पदयात्रा है। इस पदयात्रा में करीब 50 से ज्यादा लोग शामिल हैं। अब तक 135 किमी से ज्यादा की दूरी तय की जा चुकी है। 12 अप्रैल की सुबह पदयात्रा में शामिल लोग जगदलपुर पहुंचेंगे। अब तक ताड़ोकी, गुरिया, नेलवाड़ा, छेड़ीबेड़ा, जोन्द्रापदर, बनियागांव और भानपुरी में रात्रि विश्राम किए हैं। शनिवार की रात भानपुरी में रात गुजारने के बाद रविवार की सुबह से ही यह पदयात्रा फिर से शुरू हो गई है।