रायपुर न्यूज़ धमाका // आने वाले 5 फरवरी को रायपुर में पहली ऐसी शादी होने जा रही है, जो ईको फ्रेंडली होगी। इनवायरमेंट साइंस की छात्रा ने अपनी शादी के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की हैं, जिससे किसी भी स्थिति में पर्यावरण को नुकसान न हो। शादी के रिसेप्शन के बाद वेस्ट से खाद तैयार होगा। ये शादी नो प्लास्टिक की थीम पर होगी। शादी के बाद दुल्हन कश्मीर में 51 पौधे लगाने जाएंगी। मेहमानों के लिए कंघी तक बांस की बनाई जा रही है। ये शादी है छत्तीसगढ़ के रायपुर की गरिमा लूनिया की। गरिमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास्टर इन इनवॉयरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी की है।
परंपराएं भी बदलेंगी
गरिमा ने बताया कि शादियों में कुछ परंपराएं ऐसी हो सकती हैं, जो पर्यावरण के खिलाफ हों, तो हम ऐसी परंपराओं का निर्वहन नहीं करेंगे। मैंने नई साड़ियां भी इसलिए नहीं खरीदीं क्योंकि बहुत ज्यादा कपड़े भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। गरिमा के मुताबिक जब कपड़े पुराने हो जाते है तो हम उसे फेंक देते है। वाे मिट्टी में सालों तक दबे रहते है, क्योंकि उस कपड़े में सिंथेथिक धागे भी होते है। इसलिए गरिमा ने अपनी मम्मी की पुरानी साड़ियों से डिजाइनर ड्रेस बनाकर प्री-वेडिंग फोटो शूट में यूज किया।
ऐसे बनेगी खाद
एक शादी में 2 से 3 ट्रक कचरा निकलता है। जहां शादी के तमाम फंक्शन होंगे, वहां तीन फीट के चार गढ्डे खोदे जाएंगे। हर गड्ढे में अलग-अलग वेस्ट आयटम डाले जाएंगे। इस गड्ढे को बंद करने के पहले इसमें कुछ रसायन डाला जाएगा। 28 दिन बाद इन 4 गढ्डों से लगभग 100 किलो खाद निकलेगा।
क्लॉथ नेपकीन से कुल्हड़ तक
शादियों में पेपर नेपकीन यूज किए जाते है, लेकिन गरिमा अपनी शादी के हर फंक्शन में क्लॉथ नेपकीन गेस्ट को दे रही हैं, कोरोना में सेफ्टी की वजह से अगर कोई गेस्ट क्लॉथ नेपकीन लेने से मना करता है तो उनके लिए पेपर नेपकीन भी है। प्लास्टिक के छोटे बोतल में पानी की सुविधा को हटाया गया है। शादी के हर फंक्शन में ड्रिंकिंग वॉटर से लेकर मॉकटेल, चाय, काफी तक कुल्हड़ में सर्व होगा।