रायपुर न्यूज़ धमाका /// प्रदेश में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में उतने ही एक्टिव केस में अस्पतालों की स्थिति पूरी बदली हुई है। दूसरी लहर के दौरान अप्रैल माह में 32 हजार सक्रिय मामलों के दौरान अस्पतालों के पांच फीसदी ऑक्सीजन बेड भी खाली नहीं थे और इस बार 95 फीसदी खाली हैं। उस दौरान डेल्टा वैरिएंट ने कहर बरपाया था और इस बार कमजोर लक्षण ओमिक्रॉन के हैं।
स्वास्थ्य विभाग के पुराने आंकड़ों पर गौर करें तो 2 अप्रैल को एक्टिव केस 32 हजार के करीब थे। उस दौरान पांच से छह हजार केस भी मिल रहे थे। ऑक्सीजन की जरुरत वाले मरीजों की संख्या इतनी अधिक हो गई थी कि अस्पतालों के बाद इंडोर स्टेडियम और अटारी में कोविड सेंटर प्रारंभ करना पड़ा था। इस बार तीसरी लहर की शुरुआत होने से पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में 10 हजार 362 ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था की थी।
तीसरी लहर के 21 दिन बीतने के बाद भी केवल 444 बेड भरे हुए हैं और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के साथ बनाए गए अस्थायी कोविड सेंटर में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से लोगों को राहत देने की कोशिश की जाती थी। फिर भी संकट सामने आ रहा था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर बेफिक्र हैं कि इस बार 90 फीसदी मरीज गंभीर नहीं हो रहे हैं और होमआईसोलेशन में उनका इलाज हो रहा है। अस्पताल तक पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हैं अथवा उनकी कोरोना जांच किसी ना किसी वजह से विलंब से हुई है।
शुक्रवार को रायपुर जिले में 1183 संक्रमित सामने आए हैं। वहीं ठीक होने वालों की संख्या 1454 यानी 271 ज्यादा ठीक हुए है। रायपुर जिले में आज 42 बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं। प्रदेश में संक्रमण दर 10।67 रहा और 5029 केस सामने आए। चौबीस घंटे में आठ लोगों ने दम तोड़ा जिनमें बीमारी के नाम पर कोरोना के लक्षण थे। रायपुर जिले में आज 6 हजार से ज्यादा लोगों की जांच हुई, जिसमें 1183 लोगों को संक्रमित पाया गया।
आज सबसे ज्यादा 36 मामले मोवा, 30 भाठागांव, 24 शंकर नगर, 21 डीडी नगर, 20 देवेन्द्रनगर में सामने आए। वहीं आरंग ब्लॉक में आज 38 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया। इनमें 42 संक्रमित ऐसे थे जिनकी संख्या 0 से 15 साल की थी। आज भी ज्यादातर लोगों को इलाज के लिए होम आईसोलेशन में भेजा गया।
रायपुर जिले में आज एक की मौत को जो निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी। इसके अलावा आज प्रदेश में 5029 की तुलना में 6001 ठीक हुए। रायपुर के अलावा दुर्ग में 712, रायगढ़ 369, बिलासपुर 337, नादंगांव में 278, सरगुजा 204, बस्तर 185, कोरबा 175, जांजगीर-चांपा तथा कांकेर जिले में 169, जशपुर 148, धमतरी 147, कोंडागाव 136, कोरिया 134, बालोद में 113 लोगों को संक्रमित पाया गया।
आपात स्थिति से निपटने के लिए इस बार रायपुर जिला अस्पताल पंडरी में 82 बेड का इंतजाम किया गया है। आयुर्वेदिक कालेज के चिल्ड्रन हास्पिटल को भी कोरोना अस्पताल में बदला गया है। इन दोनों स्थानों में अब तक एक भी मरीज नहीं पहुंचा है। वर्तमान में करीब पचास आंबेडकर अस्पताल लगभग 80 एम्स तथा गिनती के मरीज माना, फुंडहर में हैं। निजी अस्पतालों में उनकी संख्या कुछ ज्यादा है।
ऑक्सीजन के अलावा अस्पतालों के अन्य सुविधा वाले बेड में गिनती के मरीज है। प्रदेश में 7041 सामान्य बेड में 413 मरीज हैं और 6628 खाली हैं। एचडीयू सुविधा वाले 1403 बेड में 105 मरीज हैं। आईसीयू के 1658 बेड में 168 भरे हुए हैं। वेंटिलेटर के 1184 में अभी 49 बिस्तर भरे हुए हैं और 1135 खाली हैं।