छत्तीसगढ न्युज धमाकां। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस में मचे सियासी घमासान को लेकर निशाना साधा हैै।
उन्होंने कहा है – छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में मचा घमासान यह साबित करता है कि ढाई-ढाई साल के फार्मूले से लाख इंकार के बावजूद यह मुद्दा कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश सरकार के गले की परेशानी का सबब बन चुका है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ में सत्ता में काबिज होने के समय बंद कमरे में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष के तौर पर लिए गए फैसले का कोई समाधान अब राहुल गांधी के पास भी नहीं है। यही वजह है कि लगभग सप्ताहभर तक रायपुर से लेकर दिल्ली तक चली सत्ता के लिए घंटों की मेराथन बैठकों का अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। केदार कश्यप ने आगे कहा कि जाहिर है कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कांग्रेस नेताओं के लाख इंकार के बाद भी थमता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस की इस अंदरूनी कलह के चलते छत्तीसगढ़ की जनता को इसके दुष्परिणाम भोगने पड़ रहे हैं।
पूर्व मंत्री कश्यप ने कहा- कि तीन-चार दिनों के सियासी घमासान और लगातार चली बैठकों के बाद भी यदि कांग्रेस नेतृत्व किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने के बजाय यथास्थिति बनाए रखने के लिए विवश है तो इसका साफ मतलब है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की अक्षमता की वजह से यह स्थिति बनी है और छत्तीसगढ़ के सत्ता-संघर्ष का कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की दुविधा पर तंज कसते हुए कश्यप ने सवाल किया कि दिल्ली में शक्ति – प्रदर्शन करके दबाव बनाने में लगे रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने कांग्रेस नेतृत्व कहीं स्वयं को बौना महसूस तो नहीं कर रहा है। क्या अस्थिर सरकार को एक पल भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार है।