नगर के हदयस्थल पर ही आरोपियों ने मृतक रोषन यादव की पत्थर पेंचकष से गला काट कर हत्या करने यह मामला कई दिनों तक अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा था। हालांकि पुलिस ने साईबर ष्षाख की मदद से हत्यारों को पकड लिया था। लोगों के जेहन में यह घटना आज भी ताजा है। इस प्रकरण में शासन की ओर हेमंत गोस्वामी, अतिरिक्त लोक अभियोजक ने पैरवी की।
जघन्य हत्या पर आक्रोषित था क्षेत्र में – प्रकरण के संबंध में अतिरिक्त लोक अभियोजक हेंमत गोस्वामी ने बताया कि प्रकरण में प्रार्थी परसराम सिन्हा ने 02 फरवरी 2019 को थाना कोण्डागांव में रिपोर्ट दर्ज कराया कि ई- कामॅ कोरियर सर्विस सेंटर कार्यालय के सुपर वाईजर रोषन यादव को 01 फरवरी की रात्रि में अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा हत्या कर कोरियर संेटर के दैनिक कलेक्षन का नगदी रकम एक लाख पचास हजार रूपये व अन्य वस्तुयें लूट कर फरार हो गये है। घटना स्थल पर कमरे के अंदर रखा हुआ पैसा नहीं था मृतक रोषन यादव का बैग व मोबाईल नहीं था । उसके मुहं पर कपड़ा ठूसा हुआ थां। दूसरा मोबाईल वहीं पर पड़ा था, स्पस्ट रूप से हत्या का मामला था
साईबर सेल ने खोले थे राज – साईबर सेल कोण्डागांव के द्वारा मृतक के मोबाईल के ईएमआई नं के आधार पर पता किये जाने से आरोपी बरजेष पाण्डे का माबाईल नं. मृतक के मोबाईल सेट पर चलाते हुये पाया गया । संदेह के आधार पर आरोपी बरजेष पाण्डे, राहुल श्रीवास्तव, तथा मुकेष मंडावी से पूंछताछ की गयी।
हत्या के बाद दिया था लूट को अंजाम – हत्या करने के बाद रोषन यादव के जेब से 1400.00 रू. और अलमारी की चाबी निकालक अलमारी से 150000.00 रू0 और एक मोबाईल और मृतक का पर्स लेकर आफिस में बैठकर पैसा बांटक वहां से चले गये । पूछताछ में आरोपी बरजेष पाण्डे ने बताया कि जिस पत्थर से रोषन यादव के सिर पर मारकर हत्या किया है उस पत्थर को तथा खून से सने कपड़े और पेचकस तथा आरी ब्लेड को बैग में भरकर ड़ोंगरीपारा जाने वाली सड़क में बेषरम झाड़ी में फेका है ।
सभी आरोपियों को आजीवन कारावास – कोण्डागांव जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी कोण्डागंाव के न्यायाधीश शान्तनु कुमार देषलहरे ने प्रकरण का विचारण कर प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सभी आरोपियों को धारा 449 भादसं में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000.00रू के अर्थदण्ड, एवं धारा 394 भादसं में 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और 1000.00रू0 के अर्थदण्ड तथा धारा 302 भा.द.वि. के तहत आजीवन कारावास की सजा और 1000.00रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया हैं। अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं होने पर क्रमषः 03-03 वर्ष के अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतने का आदेष पारित किया गया है ।