

कोंडागांव न्यूज़ गौर तलब बात ये है की दोनों ने ही ये बोली अपने व्यक्तिगत स्तर पे लगाई है मतलब “स्पाइस जेट” कम्पनी या “टाटा समूह” ने बोली नहीं लगायी है। अडानी ने एयरपोर्ट किराये पर लिए लेकिन एयरलाइन नहीं खरीद रहा है। कोई पूछेगा क्यों ? क्योंकि भैया अडानी और अम्बानी सिर्फ वही धंधा करते हैं जिसमें वो सरकार की मदद से जनता का खून चूस सकें। एयरपोर्ट में अडानी ने ज्यादा बोली लगाई, एयरपोर्ट लेते ही अडानी ने लखनऊ से मेंगलोर तक के एयरपोर्ट चार्ज बढ़ा दिए। अब एयरलाइन को अपना धंधा करना है तो अडानी को पैसा चुकाएंगी ही। एक शहर में 4 एयरपोर्ट तो हैं नहीं जो एयरलाइन के पास ये ऑप्शन हो की अडानी का महंगा है तो चलो दूसरे एयरपोर्ट पर चलते हैं।लेकिन यदि अडानी एयरलाइन ले लेगा तो जनता का जबरिया खून नहीं चूस पायेगा, क्योंकि रेट बढ़ाने पर जनता दूसरी एयरलाइन का टिकट खरीद लेगी। यही मुकेश अम्बानी की रिलायंस कांग्रेस सरकार में अपने 1400 पेट्रोल पम्प बंद करके मार्किट से भाग गयी थी क्योंकि ONGC, BPCL और IOCL ने मार्किट में कड़ी टक्कर दे रखी थी।भविष्यवाणी कर रहा हूँ लिख के रख लो, अडानी सरकार की वाणिज्यिक रेल यानी कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया खरीदेगा, आने वाले समय में भारतीय रेल भी खरीदेगा। सबसे ऊँची बोली लगाएगा क्योंकि वहां कोई अन्य कॉम्पटीटर नहीं है। वहां जितना चाहे दाम बढ़ा कर जनता का खून चूस सकता है। और हम में से कुछ को लगता है इस प्राइवेटाइजेशन से उनपर क्या फ़र्क़ पड़ेगा ।