रायपुर,न्यूज़ धमाका :- देवभाषा यानी ‘संस्कृत’ पढ़ने में अब हर वर्ग का रुझान है। कुछ समय तक एक वर्ग विशेष ही संस्कृत पढ़ने में अपनी रुचि दिखाता रहा है लेकिन यह मिथक अब टूटता नजर आ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो संस्कृत देववाणी भाषा है। इसमें संसार की सभी भाषाओं का समावेश है। इसे भाषाओं की जननी माना जाता है। संस्कृत को भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का संवाहक भी बताया जाता है। प्रदेश में संस्कृत के श्लोक और ज्ञान के प्रति विभिन्न वर्गों के रुझान के बाद छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम इस शिक्षा सत्र से संस्कृत के चार विषयों में रोजगार मूलक डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है।
डिप्लोमा पाठ्यक्रम में कक्षा 10वीं उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं प्रवेश ले सकेंगे। इसके लिए अध्ययन केंद्र संस्कृत विद्यामंडलम् द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।