बिलासपुर न्यूज़ – पर्यटकों के लिए लोकप्रियता हासिल कर रहे, इस सुंदर स्थल को विकसित करने के लिए वन विभाग तमाम कोशिशें कर रहा हैं। यह एक परफेक्ट पिकनिक स्पाट है। कोरबा जिला और कटघोरा वनमंडल अंतर्गत सघन, शांत और हरे- भरे जंगल यहां के शानदार वन्य जीवन राज्य ही नहीं देश में भी अच्छी ख्याति प्राप्त कर रहा है। हालांकि राज्य बनने के पहले यह जंगल सुविधाजनक पयर्टक केंद्र के रूप में विकसित नहीं हो सका।
गोल्डन आईलैंड टिहलीसरई की खोज
छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद अब धीरे- धीरे पर्यटकों की सुविधा के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। जिससे की पर्यटक आनंदित हो और जिले के सौंदर्य को पहचान सके। गोल्डन आईलैंड टिहलीसरई की खोज कटघोरा वनमंडल की है। इस मनोरम स्थल में अब पर्यटकों की बड़ी तादात पहुंच रही है। इस स्थल का मुख्य आकर्षण चारों ओर बांगों बांध की विशाल जलराशि का द़श्य व सूर्य की धूप में सोने जैसी चमकती जमीन चित्ताकर्षक है।
घने जंगलों के बीच में बसा यह मनोरम स्थल
यह हसदेव बांगो डेम का एक हिस्सा है और बांगो डेम के पास ही स्थित है। चारो तरफ जंगली इलाके है यहां आसपास आपको ज्यादा घर देखने को नहीं मिलते। क्योकि, यहां जंगली जानवरों का खतरा रहता है। घने जंगलों के बीच में बसा यह मनोरम स्थल यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कटघोरा वनमंडल का हर संभव प्रयास
गोल्डन आईलैंड टिहलीसरई को पर्यटन स्थल के रूप में चिंहाकित करने व प्रकृति के सौंदर्य को नजदीक से पहचानने में कटघोरा वनमंडल प्रयासरत है। वनमंडल की यह अमूल्य संपदा हर किसी को सहज व सुलभ हो इसलिए निरंतर कोशिश की जा रही है। यहां सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। जिसमें सबसे प्रमुख पहुंच मार्ग है। इस मार्ग का निर्माण किया जा चुका है। इसलिए पर्यटक वाहन से बड़ी आसानी से यहां तक पहुंच सकते हैं।
नौका विहार से पर्यटक हो जाए तो हैं गदगद
पर्यटकों के बीच लोकप्रियता बढ़ाने और अधिक से अधिक पर्यटक इस मनोरम स्थल का नजारा देख सके, इसलिए यहां मनोरंजन से जुड़ी सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही है। जिनमें एक नौका विहार भी है। पर्यटक यहां आकर बोटिंग का जमकर मजा लेते हैं।
ऐसे पहुंचा जा सकता है गोल्डन आईलैंड
पहुंचने के लिए निजी वाहन ही सबसे सुविधाजनक होगा। कटघोरा- अंबिकापुर मुख्य मार्ग पर जब गुजरेंगे तो ग्राम मोरगा आएगा। इस गांव से पहले ही केवल 10 किमी की दूरी पर यह खूबसूरत जगह है। हालांकि कटघोरा से टिहलीसरई की दूरी 66 किमी है। बिलासपुर से यहां की दूरी 145 किमी और कोरबा से 90 किमी दूर है।