रायपुर,न्यूज़ धमाका :-हाथी विचरण क्षेत्रों में वन विभाग ही हाथियों का दुश्मन बन गया है और मानव हाथी द्वंद बढ़ा रहा है। छत्तीसगढ़ के उत्तर में स्थित सरगुजा वृत के अंतर्गत आने वाले वन मंडल अपने-अपने क्षेत्रों में जंगली हाथियों के स्वच्छंद विचरण को रोक कर बाधित कर रहे हैं और हाथियों को दूसरे वन मंडल की ओर डायवर्ट कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे हैं। जिसके कारण पूरे सरगुजा व्रत में मानव हाथी द्वंद बढ़ रहा है यह तथ्य लिखा है मुख्य वन संरक्षक सरगुजा ने अपने पत्र में जिसे उन्होनें अपने समस्त वन मंडल अधिकारियों को भेजा है।
रायपुर के उच्च वन अधिकारियों की जानकारी में है कि हाथियों को प्रताड़ित किया जा रहा है
यद्पि मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वृत ने इस मामले में अपने अधीनस्थों को चेतावनी जारी की है परंतु रायपुर के वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी का कहना है कि यह चेतावनी खानापूर्ति है। रायपुर में बैठे उच्च वन अधिकारियों की जानकारी में कैक्टस रोपण, कांटा तार फेंसिंग, फटाका का मामला है, उसके बावजूद अभी भी बदसूरत हाथियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे मानव हाथी द्वंद बढ़ रहा है।
मुख्य वन संरक्षक सरगुजा ने स्वीकारा कैक्टस रोपण, कांटा तार फेंसिंग, फटाका कर रहे है वनमंडल, जिससे हाथी उत्तेजित होकर अधिक क्षति कर रहे हैं
मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वन वृत अंबिकापुर द्वारा अपने समस्त वन मंडल अधिकारियों को लिखे गए पत्र में स्वीकारा है कि कई जगहों पर कैक्टस रोपण, कांटा तार फेंसिंग, फटाका आदि से हाथियों के मार्ग को बाधित किया जा रहा है, जिससे हाथी उत्तेजित होकर दूसरे वन मंडल में अधिक क्षति की घटनाएं कर रहे हैं । पत्र को संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर और उपनिदेशक हाथी रिजर्व अंबिकापुर को भी भेजा गया है।