न्यूज़ धमाका :-सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र के विभिन्न जंगलों में दो दिनों से आग लगी है।वन कर्मचारियों की हड़ताल आरंभ होने के साथ ही आग लगने की घटनाएं शुरू हुई है।दो दिन में बड़े क्षेत्र में आग लगी है।आग बुझाने कोई ठोस पहल नहीं हो पा रही है।वर्तमान में एतिहासिक व धार्मिक महत्त्व से जुड़े रामगढ़ के जंगल में आग लगी हुई है जिससे छोटे झाड़ जलकर नष्ट हो रहे है।
किसी तरह आग को थोड़ा नियंत्रित किया गया है ,लेकिन सुखी पत्तियां अभी भी जल रही है।21 मार्च 2022 से वन कर्मियों की हड़ताल शुरू हुई है और इसी दिन से तेज गर्मी की लपटों में वन परिक्षेत्र उदयपुर का जंगल बुरी तरह से जल रहा है परंतु इसे देखने वाला कोई नहीं है। वन परिक्षेत्र उदयपुर अंतर्गत आने वाले विभिन्न जंगलों सोनतराई, चकेरी, बासेन, घाटबर्रा मरैया, केदमा ऐसे गांव है जहां के नजदीक के जंगल आग की चपेट में है।
वीडियो और तस्वीर बता रहे है कि किस तरह कई हेक्टेयर जंगल दो दिनों में ही जलकर खाक हो गए। वनकर्मियों के मौके पर नहीं रहने से यह आग पूरे जंगल मे विकराल रूप लेते जा रहा है। रामगढ़ पहाड़ी के नीचे लगे आग को जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों, फायर वाचर तथा चौकीदार इत्यादि के माध्यम से काबू पाने का प्रयास किया गया है लेकिन पूरी तरह से आग नहीं बुझ सकी है।
सोनतराई मुड़ापार फ्लाई ऐश फैक्ट्री के बगल वाला सैकड़ों एकड़ जंगल जलकर राख हो गया है। डांड़गांव अंधारझोरखा प्रिंस होटल के बगल वाले जंगल मे भी आग बुरी तरह लगी हुई है जो काफी तेज गति से पूरे जंगल को अपने चपेट में ले रही है। बासेन से चकेरी मार्ग में हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आकर छोटे पौधे नष्ट हुए है।वन विभाग द्वारा फायर वाचर, चौकीदार से आग बुझाने की बात तो कही जा रही है परंतु इनके प्रयास नाकाफी है।वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है। उदयपुर वन परिक्षेत्राधिकारी सपना मुखर्जी ने बताया कि वन कर्मियों के हड़ताल में जाने के बाद आग बुझाने की जिम्मेदारी फायर वाचर व चौकीदार की है। ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाने के प्रयास जारी है।