
रायपुर न्यूज धमाका – छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत शाला प्रवेश उत्सव के साथ होगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने आदेश जारी करते हुए सभी जिलों को व्यापक तैयारी और प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।
16 जून से होगा आयोजन
आदेश के अनुसार, राज्यभर में शाला प्रवेश उत्सव का आयोजन 16 जून 2025 से प्रारंभ किया जाएगा। आयोजन का उद्देश्य शिक्षा को लेकर अभिभावकों और समाज के बीच सकारात्मक माहौल तैयार करना, बच्चों को स्कूल से जोड़ना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
प्रवेश उत्सव से पहले ज़रूरी कार्य
- शाला भवन, परिसर एवं कक्षों की साफ-सफाई और मरम्मत 10 जून तक पूरी करनी होगी।
- स्कूल परिसर को प्रिंट-रिच एवं आकर्षक बनाया जाए।
- बैनर, पोस्टर, रैली एवं मुनादी के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हो।
- शाला विकास समिति, पालकों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए।
विशेष निर्देश: शाला उत्सव की रूपरेखा
- उत्सव शाला, संकुल, ब्लॉक और जिला स्तर पर मनाया जाएगा।
- कक्षा पहली के बच्चों की सूची आंगनबाड़ी केंद्रों से लेकर प्रवेश सुनिश्चित किया जाए।
- शाला त्यागी बच्चों को प्रेरित कर पुनः स्कूल से जोड़ा जाए।
- शिक्षकों के लंबित प्रकरणों का निपटारा जिला एवं विकासखंड स्तर पर कैम्प लगाकर किया जाए।
- सभी कक्षा शिक्षकों को अगले तीन महीनों का अध्यापन रोडमैप तैयार करना अनिवार्य होगा।
- विद्यार्थियों और शिक्षकों की 100% उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
सामुदायिक सहभागिता पर ज़ोर
- आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह, सेवानिवृत्त कर्मचारी, जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए।
- इच्छुक लोग बच्चों को स्लेट, पेंसिल, कॉपी, कंपास बॉक्स, बैग आदि उपहार स्वरूप दे सकते हैं।
कौन करेंगे निरीक्षण?
- संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड अधिकारी, डाईट प्राचार्य, स्रोत समन्वयक स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।
- जिला, ब्लॉक और संकुल स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी।
प्रवेश उत्सव के दिन विशेष आयोजन
- नवप्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा।
- पात्र छात्रों को निःशुल्क किताबें, गणवेश, साइकिल का वितरण होगा।
- न्योता भोज का आयोजन कर शाला विकास समिति, पालकों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा।
- बोर्ड/स्थानीय परीक्षा में मेधावी छात्रों और उत्कृष्ट पालकों का सम्मान किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को ज़मीन पर उतारने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शैक्षणिक सत्र की सकारात्मक शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।