कोंडागांव

लघु वनोपज उत्पादन में दक्षिण वनमण्डल कोण्डागांव ने मारी बाजी ,प्रदेश में अव्वल, लक्ष्य से अधिक कर डाली खरीदी

जिले में लघु वनोपजों की लक्ष्य से अधिक हुई खरीदी

कोंडागांव न्यूज़ वनों से प्राप्त होने वाले वनोत्पादों का सांस्कृतिक एवं सामान्य दिनचर्या में व्यापक महत्व होने के साथ यह रोजगार का साधन भी हैं। जिसके कारण जिले में बहुतायत मात्रा में वनोत्पादों का संग्रहण किया जाता है। इन वनोत्पादों का संग्रहण जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल के माध्यम से किया जा रहा है।

51537 क्विंटल लघु वनोपज की हुई खरीदी

कोण्डागांव में वनोत्पादों की प्रचुरता को देखते हुए शासन द्वारा 13 प्राथमिक लघु वनोपज समितियों के अधीन 155 ग्रामस्तर समूह तथा 31 हाट-बाजार स्तरों पर वनोपजों के संग्रहण का कार्य स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जा रहा है। इन समूहों द्वारा वर्ष 2019-20 में 21.45 करोड़ की लागत के कुल 101260 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण किया था, जबकि लक्ष्य 56500 क्विंटल का ही रखा गया था। वर्ष 2019-20 में सामान्य परिस्थितियों के साथ जिले के संग्राहकों द्वारा उच्चतम लक्ष्य की प्राप्ति की गई। इस दौरान 61609 संग्राहकों द्वारा लघु वनोपज संग्रहण का कार्य किया था, वहीं 2020-21 में 51537 क्विंटल वनोपज की खरीदी की गई। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 दोनों ही वर्षों में दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल लघु वनोपज उत्पादन एवं संग्रहण में प्रथम स्थान पर रहा।
कोरोना लाॅकडाउन में लघु वनोत्पादों से ग्रामीणों को आर्थिक सहायता – वर्ष के शुरूवात में ही कोरोना संक्रमण का देशव्यापी प्रसार होने लगा। जिससे सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई । इस दौरान ग्रामीण रोजगार के सभी साधन बंद हो चुके थे। ऐसे में राज्य शासन द्वारा 52 प्रकार लघु वनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी द्वारा इन्हें रोजगार प्राप्ति का अवसर मिला।

महिला समूहों को मिला 16 करोड का भुगतान

ग्रामीण लाॅकडाउन के दौरान गांव के आस-पास वनों में जाकर वनोत्पाद संग्रहण कार्य कर इन्हें नजदीकी वनोपज समितियों में जाकर बेचने लगे। जिससे उन्हें बाजार में व्यापारियों द्वारा औने-पौने दामों पर लघु वनोपज बेचने से राहत मिली साथ ही उन्हें अपने उत्पादों का सहीं मूल्य प्राप्त हुआ। इस दौरान जिले के 40738 संग्राहकों द्वारा 51537 क्विंटल वनोपज का संग्रहण किया गया। जिनके द्वारा उन्हें 16 करोड़ रूपयों का भुगतान प्राप्त हुआ। वनोपजों के एमएसपी पर लिये जाने से न केवल संग्राहकों अपितु वन समितियों में कार्यरत् महिला समूहों को भी रोजगार प्राप्त हुआ।

कोरोना काल में किया गया नकद भुगतान

वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 को मिलाकर वनमण्डल द्वारा संग्राहकों को कुल 37.45 करोड़ रूपयों का भुगतान किया गया। कोरोना काल में बैंकों के बंद होने पर समूहों को विभाग द्वारा भुगतान हेतु नगद राशि प्रदान की गई थी। जिससे ग्रामीणों को सीधा लाभ प्राप्त हुआ। इस दौरान विभाग द्वारा ईमली खरीदी का लक्ष्य 02 हजार क्विंटल तय किया गया था, जबकि संग्राहकों द्वारा 34500 क्विंटल ईमली का संग्रहण किया गया। इसके अलावा 23000 क्विंटल आटी ईमली का संग्राहकों द्वारा 34500 क्विंटल ईमली का संग्रहण किया गया।

23 हजार क्विंटल ईमली का हुआ प्रसंस्करण

इसके अलावा 23000 क्विंटल आटी ईमली का प्रसंस्करण (डी-सिडिंग) कर फूल ईमली स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किया गया। जिसके लिये विभाग द्वारा समूहों को अतिरिक्त भुगतान भी किया गया।

CG SADHNA PLUS NEWS

Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!