दुर्ग,न्यूज़ धमाका :-मंगलवार को राज्य महिला आयोग ने मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, भरण पोषण और संपत्ति विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई की। आयोग के समक्ष सुनवाई के लिए 25 प्रकरण आए थे।
आयोग ने पति-पत्नी विवाद के एक प्रकरण की सुनवाई की। जिसमें आवेदिका आयोग के समक्षा राजीनामा की शर्त लेकर आई थी। मामले में अनावेदक( पति) 15 हजार रुपये प्रतिमाह आवेदिका को देगा। साथ ही सुभाष नगर स्थित एक मकान को अपने बधाों के नाम पर नामांतरण कराएगा। नामांतरण प्रक्रिया विधिवत करवाने के लिए अधिवक्ता रामकली यादव को नियुक्त किया गया है।
जिला पंचायत दुर्ग के सभाकक्ष में मंगलवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा.किरणमयी नायक, सदस्यगण डा.अनिता रावटे, अर्चना उपाध्याय ने प्रकरणों की सुनवाई की। आयोग ने पति-पत्नी विवाद के एक प्रकरण का निराकरण किया। जिसके मुताबिक शादी के बाद से पति-पत्नी ढाई साल से अलग-अलग रह रहे थे। पत्नी (आवेदिका) आठ साल से मायके में रह रही है। पति-पत्नी आपसी राजीनामा से तलाक लेंगे। सुनवाई के दौरान इस मामले में पति अपनी पत्नी को पांच लाख रुपये देने सहमत हुआ यह राशि तीन किश्तों में दी जाएगी।
आयोग के समक्ष एक आवेदक ने अपनी सौतेली सास, सौतेले देवर और ससुर के विरूद्घ गाली गलौच और मारपीट का प्रकरण प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में आवेदक ने बताया कि उसके साथ हुई मारपीट के घटनाक्रम को एफआइआर में सही तरीके से प्रदर्शित नहीं किया गया है क्योंकि उभयपक्ष का मामला थाने में चला गया है। इसलिए आयोग ने इसे अपने क्षेत्राधिकार का नहीं होना पाया परंतु आवेदिका की सहायता के लिए एफआइआर सही तरीके से दर्ज हो इसके लिए आवेदक को आयोग के सदस्य से गाइडेंस दिलाया।